Tuesday 4 June 2013

मक्का की दिशा बताने वाली जानमाज़ 24 जुलाई, 2012

एक प्रयास ---------

इस्लाम धर्म के मानने वाले अज़ान 
सुनते ही दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ने के 
लिए मक्का की ओर मुह करते हैं.
लेकिन जब आप मस्जिद में ना हों, और
 ना ही किसी जानी-पहचानी जगह पर 
तब आप क्या करेंगे?
ऐसे में कुछ लोग सितारों की तरफ़ देखते हैं,
 कुछ कंपास का प्रयोग करते हैं तो 
आजकल कुछ स्मार्ट फ़ोन का सहारा लेते हैं.
लेकिन लंदन स्थित तुर्की मूल के डिज़ाइनर 
ने इस समस्या का हल तकनीक से निकाला है. 
उन्होंने नमाज़ पढ़ने के लिए एक मैट बनाया है 
जिसे अल-सजदा नाम दिया है.



जैसे ही इसे मक्का की दिशा पता चलती है 
ये चमक उठता है.
सोनेर ओजेंक नाम के इस डिज़ाइनर ने  
बताया, “मैं उड़ने वाले कार्पेट के बारे में सोच रहा था. 
फिर हमें लगा कि इसे कैसे बनाया जाए..
और इसी से प्रेयर मैट का आइडिया आया. 
अल-सजदा का अहम बात ये है कि 
आपको इसके अलावा किसी अन्य 
सहायता की ज़रुरत नहीं पड़ती.”
सोनेर ओज़ेंक का दावा है कि 
अल-सजदा से नमाज पढ़ना 
आसान हो जाता है.
अल-सजदा अभी बाज़ार में नहीं आया है 
क्योंकि ओजेंक पैसों की तलाश में है 
ताकि इसे बाज़ार में उतारा जाए.

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