Saturday 28 December 2013

मेडम करीना .

एक प्रयास ---------मुंबई में अब डर लगता है: ------------करीना कपूर----------

करीना बनी पाकिस्तानी मोबाइल कंपनी की एम्बेसडर, .......

'हाँ अब सुरक्षित हो गयी मेडम करीना ......
..

----पुल जिससे विधायकों-सांसदों का गुज़रना मना है !--

एक प्रयास --------

अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है, 
लेकिन पिड़री पंचायत के कमलपुर गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार की घोषणा कर दी है.

ग्रामीणों ने पुल निर्माण की अपनी दशकों पुरानी मांग पूरी न होने के विरोध में यह घोषणा की है.

बिहार के दरभंगा ज़िले के बहादुरपुर प्रखंड का कमलपुर कमला नदी के किनारे बसा है. 
स्थायी पुल की मांग पूरी न होते देख लोगों ने 
एक जून को खुद ही एक चचरी यानी लकड़ी और बांस का पुल बनाने का निर्णय किया,
जिससे होकर दोपहिया और तिपहिया वाहन गुज़र सकें.

ग्रामीणों ने अपने संसाधनों यानी लकड़ी,
 बांस और चंदे के पैसे से 25 जून को पुल बनाना शुरू किया.
25 सितंबर को बाकायदा शिलापट्ट के साथ इस पुल का उद्घाटन हो गया.
ग्रामीण शिवशंकर साव के अनुसार -------------
लगभग बीस पंचायत के हज़ारों लोगों की आबादी इसका उपयोग कर रही है.--------------

खाली बोतलों से बना सपनों का आशियाना

एक प्रयास ---------
अपने आशियाने को अनोखा और सबसे सुंदर बनाने की हर किसी को चाहत होती है। 
घर के डिजाइन को लेकर कई इंजीनियरों से 
सलाह लेने के अलावा घंटों इंटरनेट पर बैठकर कुछ अलहदा तरीका ढूंढ़ा जाता है। 
ऐसा ही एक आशियाना इन दिनों मंडलेश्वर मार्ग पर
 प्राचीन वृद्धकालेश्वर के समीप बन रहा है। 
मटके के आकार वाले इस निर्माणाधीन मकान की खासियत यह है 
कि इसके निर्माण में ईंटों की जगह पानी की खाली बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
इस मकान की निर्माण शैली ऐसी है कि इस पर सीमेंट-कंक्रीट की छत नहीं होगी, 
अपितु इसकी दीवारें ही धीरे-धीरे गोलाई लेती हुई मकान को मटके का आकार देंगी। 
हॉल, बेडरूम और बाथरूम वाले इस मकान को बनाने वाले कारीगर हैं 
---------------इंदौर के रवि बामनिया। 
उन्होंने बताया कि इस मकान के निर्माता 
-----------चंद्रमोहन पंवार के परिवार ने इंटरनेट पर किसी विदेशी 
द्वारा इस प्रकार के मकान के बारे में देखा था। 
इसके बाद उन्होंने भी ऐसे ही मकान के निर्माण की इच्छा जाहिर की। 
1500 वर्गफीट, 30 हजार बोतल लगभग 1500 वर्गफीट में बने रहे 
मकान में खाली बोतलों में मिट्टी को भरा जा रहा है। 
इसके पश्चात सलीके के साथ लोहे की जाली पर एक-एक बोतल को बांधकर 
उसे रेत और 
सीमेंट से जोड़कर मजबूती दी जा रही है। 
रवि बामनिया ने बताया कि 
पूरे मकान के निर्माण में लगभग 30 हजार बोतलों का उपयोग होगा। 
बोतलें करीब एक फीट लंबाई की होने से इसकी दीवारें करीब एक फीट मोटी होंगी।
समय और लागत दोगुनी: मिट्टी का उपयोग होने से यह मकान वातानुकूलित जैसा होगा। 
यह न तो गर्मी के मौसम में गर्म होगा और न ही ठंड में ज्यादा ठंड लगेगी। 
बामनिया ने बताया -----------
कि आमतौर पर बनने वाले मकानों की अपेक्षा इस मकान के काम में जहां ज्यादा समय लगता है, 
वहीं इसकी लागत भी दोगुनी बैठती है। 
बहरहाल जैसे-जैसे इस मकान की जानकारी लोगों को हो रही है, 
उत्सुकतावश लोग इसे अनूठे मकान को देखने पहुंच रहे हैं।

जिंजर ब्रेड से बना घर--------------

एक प्रयास --------
अमेरिका के टेक्सास राज्य के एक परंपरागत क्लब ब्रायन के कार्यकर्ताओं ने पास के 
एक सेंट जोसेफ स्वास्थ्य प्रणाली को स्थापित करने के लिए 
अदरक के फ्लेवर वाली जिंजर ब्रेड का 22 फीट ऊंचा घर बनाया है।
एक हफ्ते से भी कम समय में तैयार किए गए 
इस घर में एक साथ पांच लोग आराम से रह सकते हैं। 
इस घर की मदद से संस्था ने अब तक डेढ़ लाख डालर एकत्र कर लिए हैं। 
यहां पर आगंतुक इसे देखने आते हैं 
जिन्हें हरेक रात रुकने का 600 डालर किराया देना पड़ता है। 
इस नेक काम के साथ ही दुनिया के इस जिंजर ब्रेड के बने 
सबसे बड़े मकान ने गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड 
में भी अपना नाम दर्ज करा लिया है। 
पिछले नवंबर में तैयार किए गए इस घर को बनाने में 
1800 पाउंड मक्खन, 7200 अंडे, 
ब्राउन शुगर 3000 पाउंड और 22304 कैंडी का इस्तेमाल किया गया।
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Tuesday 24 December 2013

शुभकामनाएं ...

एक प्रयास ---------पदम् विभूषण , अघोषित भारत रत्न .....भारतीय राजनीति के लौह स्तम्भ 
..भावुक कवि ....हमारे अटल जी को जन्म दिन पर हम सब की ,

 भारत की हार्दिक शुभकामनाएं ...............

..एक भविष्य वाणी

एक प्रयास ---------कई साल पहले मैँने पढ़ा था कि दक्षिण भारत से एक ऐसा व्यक्ति आयेगा
जिसका नाम 'कमल' का पर्याय होगा और वो देश की अगुआई कर देश को आगे ले जायेगा ,
अब सच होगा या नहीं राम जाने ...........एक भविष्य वाणी पढ़ी और साझा कर रही हूँ .......
कहीँ ये वही प्रारंभ तो नही ?

Saturday 21 December 2013

हमारा अपना तेजस ------------------

एक प्रयास ------सुपरसोनिक विमान तेजस 
लंबाई - 13.20 मीटर
ऊंचाई - 4.40 मीटर
विंग एरिया - 38.4 मीटर
भार - 5,680 किलोग्राम
डैने - 8.20 मीटर
लोडेड भार - 9,500 किलोग्राम
गति - 1.8 मेक
ईधन क्षमता - 3,000 लीटर 
[इसके अलावा 800 लीटर के पांच
 टैंक बाहर से जोड़े जा सकते हैं]
रेंज - 3,000 किलोमीटर
अधिकतम भार क्षमता - 13,500 किलोग्राम--
 

तेजस की तेजी
- डीआरडीओ और एचएएल के मुताबिक
 सिंगल सीट वाला तेजस दुनिया का 
सबसे बेहतरीन हल्का लड़ाकू विमान है।
- युद्धक भार ले जाने की क्षमता और रेंज के 
हिसाब से मिग- 21 बीसोन से कई मामलों में बेहतर।
- वायुसेना की ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से
 सभी एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस। 
इसके उन्नत संस्करण मार्क-2 में 
सभी खूबियों का समावेश होगा।
- हथियारों के साथ करीब 13 टन वजनी 
यह विमान दुनिया के सबसे हल्के 
लड़ाकू विमानों में से एक है।
- मौजूदा मार्क-1 विमान एक बार में 400 किलोमीटर 
के दायरे में कर सकेगा ऑपरेशन।
-विमान 1350 किलोमीटर 
प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ने में सक्षम।
- अब तक हो चुके हैं ढाई हजार से 
अधिक उड़ान परीक्षण।
- विमान में अभी लगाई जानी है बियांड 
विजुअल रेंज मिसाइलें और गन।
- एक विमान की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये।
विकास की दास्तान
1983 - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन [डीआरडीओ] 
और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 
[एचएएल] को विकसित करने की स्वीकृति मिली।
1984 - एलसीए का डिजायन 
तैयार करने के लिए सरकार ने 
एयरोनॉटिकल डेवलेपमेंट एजेसी [एडीए] 
नामक नोडल एजेंसी का गठन किया।
1986 - एलसीए कार्यक्त्रम के लिए
 सरकार ने 575 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया।
4 जनवरी 2001 - एलसीए ने पहली सफल उड़ान भरी।
 प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 
इसका नाम एलसीए से बदलकर तेजस रखा।
2006 - पहली बार सुपरसोनिक उड़ान भरी।
22 जनवरी 2009 - 1,000 उड़ानें पूरी की।
26 नवंबर 2009 - दो सीटों वाले [ट्रेनर] 
तेजस ने पहली बार उड़ान भरी।
15 दिसंबर 2009 - वायुसेना और 
नौसेना के लिए सरकार ने लड़ाकू जेट 
बनाने के लिए 8,000 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृत किया।
-भारतीय वायुसेना को स्वदेशी युद्धक 
विमान से लैस करने का सपना अब साकार होने की दहलीज 
पर पहुंच गया है। बेंगलूर स्थित
 हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
 [एचएएल] परिसर में खड़े 11 तेजस विमान 
तीन दशक से चल रही इस सपने की यात्र की तस्दीक करते हैं। 
लंबे इंतजार और अड़चनों के बाद तैयार हल्के स्वदेशी 
युद्धक विमान तेजस की पहली स्क्वाड्रन पूरी करने के लिए 
हालांकि वायुसेना को अभी 2017 तक इंतजार करना होगा। 
वैसे तो इस विमान को प्रारंभिक संचालन 
मंजूरी 2011 में ही दे दी गई थी। 
लेकिन, वायुसेना की ओर से बदलाव और 
सुधार की दर्जनों शिकायतों के बाद एचएएल व 
रक्षा अनुसंधान एवं शोध संगठन [डीआरडीओ] 
की टीम ने अब इसके डिजाइन को तैयार कर दिया है। -

विमान के लिए अंतिम संचालन मंजूरी दिसंबर,
 2014 में दे दी जानी है। 
अभी विमान को पूरी तरह युद्धक 
क्षमताओं से लैस करने के लिए उसमें बीवीआर 
मिसाइलों समेत कई हथियारों को जोड़ा जाना है।

विमान को तैयार करने वाली एविएशन 
डेवलपमेंट एजेंसी के कार्यक्त्रम निदेशक 
पीएस सुब्रमण्यम बताते हैं कि वायुसेना को सौंपने के लिए
 2014 तक चार और 2016 तक आठ विमान तैयार कर लिए जाएंगे। 
महत्वपूर्ण है कि तेजस को तैयार करने वाला 
एचएएल इसके दुनिया का सबसे हल्का 
लड़ाकू विमान होने का दावा करता है।
हमारे तेजस को हमारी , हमारे भारत वासियों की शुभकामनाएं ..........नाम करे , कमाल करे .........धमाल करे ........

क्या आप मंगल को अच्छे से जानते हैं?

एक प्रयास ---------
 
मंगल, ग्रह, चंद्रमा
मंगल के बारे में आपने अक्सर पढ़ा होगा. मंगल पर जीवन की मौजूदगी से भी आगे बहुत सी बातें हैं जो जानना दिलचस्प हो सकता है.
पढ़िए ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें जो शायद आप न जानते हों.

2. मंगल के दो चंद्रमा हैं. इनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं. फ़ोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है. फ़ोबोस मंगल की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.1. मंगल को लाल ग्रह कहते हैं क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखती है.
3. फ़ोबोस धीरे-धीरे मंगल की ओर झुक रहा है, हर सौ साल में ये मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है. अनुमान है कि 5 करोड़ साल में फ़ोबोस या तो मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक रिंग बना लेगा.
फ़ोबोस पर गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक हज़ारवां हिस्सा है. इसे कुछ यूं समझा जाए कि धरती पर अगर किसी व्यक्ति का वज़न 68 किलोग्राम है तो उसका वज़न फ़ोबोस पर सिर्फ़ 68 ग्राम होगा.

4. अगर ये माना जाए कि सूरज एक दरवाज़े जितना बड़ा 
है तो धरती एक सिक्के की तरह होगी और मंगल एक एस्पिरीन टैबलेट की तरह होगा.
5. मंगल का एक दिन 24 घंटे से थोड़े ज़्यादा का होता है. मंगल सूरज की एक परिक्रमा धरती के 687 दिन में करता है. यानी मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होगा.
6. मंगल और धरती करीब दो साल में एक दूसरे के सबसे करीब होते हैं, दोनों के बीच की दूरी तब सिर्फ़ 5 करोड़ 60 लाख किलोमीटर होती है.
7. मंगल पर पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुवों पर मिलता है और ये कल्पना की जाती है कि नमकीन पानी भी है जो मंगल के दूसरे इलाकों में बहता है.
8. वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर करीब साढ़े तीन अरब साल पहले भयंकर बाढ़ आई थी. हालांकि ये कोई नहीं जानता कि ये पानी कहां से आया था, कितने समय तक रहा और कहां चला गया.
9. मंगल पर तापमान बहुत ज़्यादा भी हो सकता है और बहुत कम भी.
मंगल ग्रह
(माना जाता है कि मंगल
 पर पानी बर्फ़ के रूप में
 ध्रुवों पर मौजूद है.)

10. मंगल एक रेगिस्तान की तरह है, इसलिए अगर कोई मंगल पर जाना चाहे तो उसे बहुत ज़्यादा पानी लेकर जाना होगा.
11. मंगल पर ज्वालामुखी बहुत बड़े हैं, बहुत पुराने हैं और समझा जाता है कि निष्क्रिय हैं. मंगल पर जो खाई है वो धरती की सबसे बड़ी खाई से भी बहुत बड़ी है.
12. मंगल का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई है. इसका मतलब ये है कि मंगल पर कोई चट्टान अगर गिरे तो वो धरती के मुकाबले बहुत धीमी रफ़्तार से गिरेगी.
किसी व्यक्ति का वज़न अगर धरती पर 100 पौंड हो तो कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से मंगल पर उसका वज़न सिर्फ़ 37 पौंड होगा.
13. मंगल की सतह पर धूल भरे तूफ़ान उठते रहते हैं, कभी-कभी ये तूफ़ान पूरे मंगल को ढक लेते हैं.
14. मंगल पर वातावरण का दबाव धरती की तुलना में बेहद कम है इसलिए वहां जीवन बहुत मुश्किल है.

साहसी कारनामा

एक प्रयास ---------

380 फ़ीट ऊपर दो कदम..


  • जूलियन मिलॉट
    ज़रा सोचिए, ज़मीन से 380 
  • फीट की ऊँचाई पर 
  • एक शख़्स दो इंच मोटी रस्सी पर पैदल चले, 
  • तो उसकी हिम्मत पर दाद दिए 
  • बगैर क्या आप रह पाएंगे.
  • टैंक्रीड मेलेट
    यह कारनामा किया है फ्रांस के जूलियन मिलॉट 
  • और टैंक्रीड मेलेट ने. 
  • मॉ ब्लां पर्वत के सामने से गुज़रने वाली 
  • एक्सप्रेस केबल कार की दो इंच मोटी रस्सी 
  • पर चलकर उन्होंने सबको चौंका दिया.
  • जूलियन मिलॉट
    जूलियन ने लगभग 200 फ़ीट 
  • का फ़ासला तय किया. 
  • यह पाराडास्की स्की क्षेत्र की वर्षगांठ का 
  • मौका था और पेशे से इंजीनियर रहे 
  • जूलियन ने दिल की धड़कन थाम लेने 
  • वाला यह कारनामा कर दिखाया.
  • जूलियन मिलॉट
    जूलियन को पहाड़ों से प्यार है. 
  • वे एक कुशल पर्वतारोही भी हैं.
  •  इतना ही नहीं वे बेस जम्पिंग से लेकर 
  • पैराग्लाइडिंग तक में महारथ रखते हैं.
  • टैंक्रीड मेलेट
    जूलियन के साथ इस मौके पर 
  • उनके दोस्त टैंक्रीड मेलेट भी शरीक हुए. 
  • दोनों ने एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है, 
  • जिसका नाम है, 
  • "आय बिलीव, आय कैन फ़्लाय."
  • जूलियन मिलॉट
    ये दोनों साथी अपने अनुभवों के 
  • आधार पर एक दूसरे को 
  • उनके रिकॉ़र्ड तोड़ने और नए 
  • रिकॉर्ड बनाने की चुनौती भी देते रहते हैं.

Thursday 19 December 2013

नमन

एक प्रयास ---------

क्रन्तिकारी राम प्रसाद बिस्मिल व अश्फाकउल्ला खान की 

पुण्यतिथि पर-----------काकोरी के शहीदों को शत-शत नमन ............(१९ दिसंबर , १९२७.......)



घना कोहरा .......

एक प्रयास-----
                        कोहरे की आहट से कान  सजग हुए हैं
                        सूरज दादा ओढ़ रजाई दुबक गए हैं |




चीन

अमेरिका के बाद चीन की बारी - हो जाये एक चाँटा चीन को भी )

अध्यक्ष

एक प्रयास ---------बंगाल में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष 'जस्टिस गांगुली "........!!!!

भाई लोगो मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष किसी 'मानव' को होना चाहिए 'दानव' को नहीं ...........

------वाह !

एक प्रयास ---------वाह ! आज अमेरिका के कान खींचती नज़र आ रही है सरकार | लगता है आठ सीटोँ का कमाल है

Saturday 14 December 2013

नमन

एक प्रयास ---------देश का सदा बहार महा नायक -------भारत के प्रथम गृह मंत्री और प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल , हमारे लौह पुरुष...की ६३वी पुन्य तिथि पर उन्हें सदर नमन ..........आज की दौड़ उनके नाम .........रविवारीय नमस्कार ... — feeling great.

हा हा

एक प्रयास ---------सोनिया ने 2014 के लिये तैयार रहने को कहा ' बोरिया-बिस्तर बाँध कर ? 

सबसे महँगी किताब

भारत की सबसे महंगी किताब की एक झलक---

दुनिया की सबसे महंगी किताबों में से एक 'द फरारी ओपस' को गुरुवार को भारत लाई गई। इस किताब की कीमत 1.15 करोड़ है।

ये अब तक भारत में आई सबसे महंगी किताब है। इस किताब में 30 कैरट हीरे लगी हैं।

चाटुकारिता

एक प्रयास ---------सोनिया पूरे देश की माँ-खुर्शीद  ,  -
 काँग्रेसी तो अब भारत माता की जय नही सोनिया माता की जय बोलेँगे । (चाटुकारिता की क्या कोई सीमा नही ? )

ललकार

एक प्रयास ---------अरुण जेटली को ललकारने वाले कुमार विश्वास मेरी सलाह है आप 'कुमार विश्वास' ही बने रहेँ , 'कुमार अहंकारी' न बने । अहंकार के परिणाम से अनभिज्ञ तो हैँ नही ।

श्रधांजलि

एक प्रयास ---------आइये संसद हमले के शहीदोँ के लिये नतमस्तक हो जायेँ