Monday 11 January 2016

एक प्रयास ---------कभी संजय निरुपम सम्पादक बन कुछ लिख देते हैं तो कभी नितीश कुमार बिहार बेवसाइट पर गुणगान करते नज़र आते है और निशाने पर है बस एक परिवार ,देश का महान परिवार !
अब कोई कितनी भी सफाई दे ,कुछ भी कहें सच तो ये है कि ये ये उनके मन की सच्ची बात है शुद्ध देशी भाषा में कहें तो 'घड़ा भर' गया है |
ये कोई आश्चर्य जनक बात नही समय कभी एक सा नही रहता
और घड़ा एक न एक दिन ज़रूर भरता है |
दुनिया का कोई भी देश हो घड़ा सब जगह भरता है :):)

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